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Patrachar || Sarkari Patrachar Ke Vibhinn Roop | पत्राचार || सरकारी पत्राचार के विभन्न रूप

Patrachar || Sarkari Patrachar Ke Vibhinn Roop || पत्राचार || सरकारी पत्राचार के विभन्न रूप. पत्राचार (क) सरकारी पत्राचार के विभन्न रूप सरकारा कामकाज अथवा जनता के हित में सरकार द्वारा किये जाने वाले कार्यों के प्रसंग में जो पत्राचार किये जाते हैं उन्हें सरकारी पत्राचार कहा जाता है। इस पत्राचार में तीन आयाम होत

  • सरकारी विभागों के बीच पत्राचार। 2. सरकार के किसी विभाग के अन्तर्गत कर्मचारियों तथा अधिकारियों के बीच पत्राचार।
  • जनता के आवेदनों के संदर्भ में अथवा जनता के सार्वजनिक हित में सरकार द्वारा लिय गये निर्णयों से सम्बन्धित पत्राचार।

Patrachar || Sarkari Patrachar Ke Vibhinn Roop | पत्राचार || सरकारी पत्राचार के विभन्न रूप

प्रकृति और स्वरूप की दृष्टि से सरकार पत्राचार के निम्न भेद माने गये हैं-1. कार्यालयी या सामान्य शासकीय पत्र (Official Letter) 2. कार्यालय ज्ञापन (Office Memorandum) 3. कार्यालय आदेश (Office Order) 4. ज्ञापन (Memorandum) 5. परिपत्र (Circular) 6. अधि सचना (Notification) 7. अनुस्मार पत्र (Reminder) 8. तार (Telegram) 9. अर्द्ध सरकारी पत्र (Semi official letter) 10. द्रुत पत्र (Express letter)।

Patrachar || Sarkari Patrachar Ke Vibhinn Roop || पत्राचार || सरकारी पत्राचार के विभन्न रूप

1. कार्यालयी पत्र : केन्द्रीय तथा राज्य सरकारों के बीच, विभिन्न सरकारी कार्यालयों के बीच सार्वजनिक निकायों तथा सरकारों के बीच सरकार तथा जनता के बीच तथा केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों के आदेशों, विचारों और अनुशंसाओं को अभिव्यक्त करनेवाले पत्र कार्यालयी पत्र कहलाते हैं। 

इन पत्रों में आदर्श पत्र लेखन के पाँचों अवयवों यथा शीर्षक, पत्र संख्या, सरकार तथा विभाग का नाम. दिनांक, प्रेषक-प्रेषिती, का नाम तथा पदनाम, विषय, संबोधन मुख्य कलेवर, स्वनिर्देश हस्ताक्षर, पदनाम, संलग्न पत्र तथ पृष्ठांकन आदि तत्वों का समावेश होता है।

इन पत्रों की भाषा में तटस्थता, शकता, औपचारिकता संबोधन किया जाना चाहिए। भी तथा निर्देशात्मक रूपों का प्रयोग होता हैं। सभी पत्र सरकार की ओर से उनमें मुझे कहने का आदेश हुआ है" जैसे वाक्यांशों का प्रयोग होता है। नि वर्जित होता है और विषयान्तर एकदम नहीं होता है।

2. कार्यालय ज्ञापन : 

विभिन्न सरकारी विभागों या मंत्रालयों के आदान-प्रदान तथा पत्र व्यवहार को कार्यालय ज्ञापन कहा जाता है। इसका अधीनस्थ कार्यालयों के साथ पत्र व्यवहार में प्रायः नहीं होता है।

3. कार्यालय आदेश : किसी कार्यालय या मंत्रालय के आ ी अनदेश जारी करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। छटी स्थायीकरण, स्थानान्तरण आदि से संबंधित सभी मामलों की सूचना इसका यदि कार्यालय की कार्यावधि, कार्यप्रणाली आदि में परिवर्तन से संबंधित के द्वारा दी जाती है।

4. परिपत्र : जब एक ही सूचना या अनुदेश किसी कार्यालय या अधीनस्थ विभाग के कर्मचारियों को देनी होती है तो परिपत्र का प्रयोग कियाउद्देश्य सिर्फ सचना देना होता है। यदि सामूहिक के बदले व्यक्तिगत सचना देनी हो का प्रयोग होता है।

5. अर्द्ध सरकारी पत्र : सामान्यतः विभिन्न सरकारी अधिकारियों के कर आदान-प्रदान, जानकारी, कार्यवाही, सूचनाओं के आदान-प्रदान आदि के लिए जो आप किया जाता है उसे अर्द्धसरकारी पत्र कहा जाता है। किसी के मामले के विषय में करने के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है।

6. अनस्मार पत्र : सामान्यत: किसी सरकारी पत्र का उत्तर जब प्रेषिती की ओर से अधिकारी को प्राप्त नहीं होता है और कार्य आवश्यक होता है तो उसकी ओर ध्यान आकृष्ट Karne और अपेक्षित उत्तर पाने की प्रत्याशा में जो पत्र लिखा जाता है उसे अनुस्मार पत्र कहते है। पूर्व पत्र का हवाला देते हुए काम का स्मरण दिलाया जाता है।

7. अधिसूचना : 

शासन की ओर से जब सामान्य के सूचनार्थ अथवा सरकारी कर्मचारियों, अधिकारियों की जानकारी के लिए जो घोषणाएँ, राजकीय गजट में प्रदर्शित की जाती हैं उन्हें अधिसूचना कहा जाता है। इसका उपयोग प्रायः अधिकारियों, कर्मचारियों की नियक्ति प्रोन्नति, पदस्थापना, सेवानिवृत्ति, अवकाश, वेतनवृद्धि तथा अधिनियमों, आदेशों और अधिकारों की सूचना देने के लिए किया जाता है।

8. तार : दूरस्थ स्थानों में पदस्थापित कर्मचारियों और अधिकारियों तक कोई आवश्यक सूचना, निर्देश या आदेश शीघ्र भेजने हेतु तार का प्रयोग किया जाता है।
अब तार का प्रयोग गौण हो गया है। इसके स्थान पर वायरलेस, फैक्स, ई मेल, एस. एम.एस. दूरभाष आदि का उपयोग होता है। सरकारी कार्यालयों में जहाँ लिखित प्रमाण की आवश्यकता होती है वहाँ प्रधानत: फैक्स, इमेल, एसएमएस एवं तार का प्रयोग होता है।

१. द्रुत पत्र : किसी शासयकीय निर्देश या सचना को तत्काल भेजना हो और तार का प्रयोग न करना हो तो उसे द्रुत पत्र द्वारा भेजा जाता है। इसकी भाषा प्रायः तार का तर हा लकिन यह डाक द्वारा भेजा जाता है। प्रेषिती इस पत्र को तार की तरह मानकर पुल करता है या उत्तर देता है। कार्य की तात्कालिकता में द्रत पत्र का प्रयोग किया।
विभिन्न मंत्रालयों अथवा सरकारी विभागों द्वारा आपत हार कार्यालय ज्ञापन कहलाता है। इसी तरह जब एक खाआ, प्रशाखाओं को पत्र लिखता है तो यह ज्ञापन

10. ज्ञापन/कार्यालय ज्ञापन : विभिन्न मंत्रालयों अथवा सरकार में सूचनाओं का आदान-प्रदान और पत्र व्यवहार कार्यालय ज्ञापन कहला सरकारी विभाग अपने अनुभागों, उपविभागों शाखाओं, प्रशाखाओं का पत्र कहलाता है। ज्ञापन आदि कार्यालय ज्ञापन में मुख्य अन्तर यही है।
छुत पत्र का प्रयोग किया जाता है।
ज्ञापन एक विभाग के अन्तर्गत

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