Skip to main content

100+ The Most Popular Basant Panchami, Saraswati Puja images, wishes, quotes, and status in Hindi

Basant Panchami, Saraswati Puja, Basant Panchami images, wishes, quotes, and status in Hindi. सबसे अच्छे-अच्छे Basant Panchami इमेज, शायरी, स्टेटस, कोट्स, फोटो, वॉलपेपर,  जिसे आप अपने फेसबुक या व्हाट्सप्प और फेसबुक इंस्टा पर एक बार जरूर स्टेटस लगाना चाहेंगे बहुत मेहनत से हमने ये सब आपके लिए डिजाइन किया है।

Basant-Panchami,Saraswati-Puja,Basant-Panchami-images,wishes,quotes,and-status-in-Hindi
Basant Panchami

कलिका के चुम्बन की पुलकन मुखरित जब अलि के गुंजन में
तब उमड़ पड़ा उन्माद प्रबल मेरे इन बेसुध गानों में;
ले नई साध ले Naya Rang मेरे आंगन आया बसंत
~भगवतीचरण वर्मा
वसंत पंचमी (सरस्वती पूजा) वसन्त पंचमी एक तो वसन्त के आगमन की सूचना देने के कारण महत्वपूर्ण है और दूसरे वाणी की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती के पूजन के कारण स्मरणीय है। माघ शुक्ल की पंचमी को सरस्वती पूजा होती है। इसी दिन वसन्त पंचमी मौसम के परिवर्तन की सूचना देता है।

Thursday, 26 January
Basant Panchami 2023

100+ The Most Popular Basant Panchami, Saraswati Puja images, wishes, quotes, and status in Hindi

यद्यपि वसन्त बाद में आता है पर वसन्त के आने की सूचना पहले ही प्राप्त हो जाती है। हमें तो यह सूचना वसन्त पंचमी को मिलती है। इसी समय कोयल अपने 'सुमधुर, रसभीने, कर्णप्रिय स्वर में वसन्त की अगवानी करती है, रूखे-सूखे से जल वसन वासंती लेने लगते हैं। पल्लवों, पुष्पों से पौधे आच्छादित होने लगते हैं। वसन्त के आगमन की ध्वनि मात्र से शीत अपना प्रकोप कम करने लगता है। 

basant-panchami
Saraswati Puja images
रग-रग में इतना रंग भरा, कि रंगीन चुनरिया झूठी है !
क्या होड़ करें चन्दा तेरी, Kali Surat धब्बे वाली !
कहने को जग को भला-बुरा, तू हँसती और लजाती !
मौसम सच्चा तू सच्ची है, यह सकल बदरिया झूठी है!
~गोपाल सिंह नेपाली
basant-panchami
Basant Panchami
टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्वर
पत्थर की छाती में उग आया नव अंकुर
झरे सब Pile Pat कोयल की कुहुक रात
प्राची में अरुणिम की रेख देख पाता हूँ
गीत नया गाता हूँ
~अटल बिहारी वाजपेयी 
basant-panchami-images
Basant Panchami Images
सूरज हर शाम को ढल ही जाता है
पतझड़ वसंत में बदल ही जाता है
मेरे मन Mushibat में हिम्मत मत हारना
समय कैसा भी हो गुजर ही जाता है।

saraswati-puja-basant-panchami-wishes
Basant Panchami in hindi
रोशनी माँ तेरे Pyar की पल पल महसूस करूं
तुझसे है आस मेरी माँ तभी तो करम करके धीरज धरूं
basant-panchami-quotes
Basant Panchami Quotes
माँ सरस्वती शारदे हृदय-कमल पर विराजे
Hathon में वीणा-पुस्तक स्फटिक माला साजे

happy-basant-panchmi
basant panchami saraswati puja photo
हो जाओ तैयार, माँ सरस्वती आने वाली है
सजा लो Darvar माँ सरस्वती आने वाली हैं
तन,मन और जीवन हो जायेगा पावन
माँ के कदमो की आहट से गूँज उठेगा आँगन
basant-panchami-status
Basant panchami status
श्वेतवर्णा, शुक्लाम्बरा वेदमाता, पद्मासना
भारती, हंसगामिनी विदुषी, ब्रह्मचारिणी
basant-panchami-wishes
Basant panchami wishes
कौन रंग Phagun रंगे, रंगता कौन बसंत?
प्रेम रंग फागुन रंगे, प्रीत कुसुंभ बसंत।

Saraswati-puja
Saraswati Puja
Param चेतना तू माते प्रज्ञा से भव सँवारे
निःशेष जड़ता हर के मेरी साधना को बल दे

saraswati-puja
Saraswati Puja
सहस शील हृदय में भर दे
जीवन त्याग से भर दे Sanyam सत्य स्नेह का वर दे
माँ सरस्वती आपके जीवन में उल्लास भर दे
vasant-panchami-in-hindi
Vasant-panchami-in-hindi
जय माँ सरस्वती अपने सभी भक्तों पर अपनी Aseem कृपा बनाये रख माँ। 
इस पोस्ट को पढ़ने वाले अपने सभी भक्तों को। ज्ञान दे माँ, सत्य बुद्धि 
बसंत-पंचमी
बसंत-पंचमी
त्रैलोक्य वंदिता माँ वीणा मधुर बजाती
शुभ्रता सत्वगुण की वेदों की जननी गाती

बसंत-पंचमी
बसंत-पंचमी
श्रुतदेवी, बागीश्वरी ब्रह्माणी, गौ, कुमारी
वरदा है वीणापाणि Pavan नाम सब तिहारे

100+ The Most Popular Basant Panchami, Saraswati Puja images, wishes, quotes, and status in Hindi


सिर से पैर तक
फूल-फूल हो गई उसकी देह,
नाचते-नाचते Hava का
बसंती नाच ।
~Kedar Nath Agarwal

राजा वसन्त वर्षा ऋतुओं की रानी
लेकिन दोनों की कितनी Bhinn कहानी
राजा के मुख में हँसी कण्ठ में माला
रानी का अन्तर द्रवित दृगों में पानी
~ Ramdhari Singh "Dinkar"

पतझर ही पतझर था मन के मधुबन में
गहरा सन्नाटा-सा था अंतर्मन में
लेकिन अब गीतों की स्वच्छ मुंडेरी पर
चिंतन की छत पर, भावों के आँगन में
बहुत दिनों के बाद चिरैया बोली हैं
ओ वासंती पवन हमारे घर आना!
~Kunvar Bechain

चूड़ी भरी कलाइयाँ, खनके बाजू-बंद,
फागुन लिखे कपोल पर, रस से भीगे छंद।
~Dinesh Shukl

आ रही हिमालय से पुकार
है उदधि गरजता बार बार
प्राची पश्चिम भू नभ अपार;
सब पूछ रहें हैं दिग-दिगन्त
वीरों का कैसा हो वसंत
~Subhadra kumari chauhan

वही आदर्श मौसम
और मन में कुछ टूटता-सा 
अनुभव से जानता हूँ कि यह बसंत है
~Raghuveer Sahay

आया वसंत आया वसंत
छाई जग में शोभा अनंत।
सरसों खेतों में उठी फूल
बौरें आमों में उठीं झूल
बेलों में फूले नये फूल
~सोहनलाल द्विवेदी

मां सरस्वती का वसंत है त्योहार
आपके जीवन में आए सदा बहार
सरस्वती हर पल विराजे आपके द्वार
हर काम आपका हो जाए सफल।

Basant Panchami images, wishes, quotes, and status in Hindi

वीणा को लेकर हाथ में
सरस्वती हो आपके साथ में
मिले मां का आशीर्वाद आपको हर दिन
मुबारक हो आपको सरस्वती पूजा का ये दिन।

जीवन का ये वसंत
खुशियां दे अनंत
प्रेम और उत्साह से
भर दे जीवन में रंग।

फूलों की वर्षा
शरद की फुहार
सूरज की किरणें
खुशियों की बहार
चंदन की खुशबू
अपनों का प्यार।

लेकर मौसम की बहार
आया वसंत ऋतु का त्योहार
आओ हम सब मिलकर मनाएं
दिल में भर के उमंग और प्यार।

सर्दी को तुम दे दो विदाई
वसंद की अब ऋतु है आई
फूलों से खुशबू लेकर महकती हवा है आई
बागों में बहार है आई
भंवरों की गुंजन है लाई
उड़ रही है पतंग हवा में
जैसे तितली यौवन में आई
देखो अब वसंत है आई।

सरस्वती पूजा का ये प्यारा त्यौहार
जीवन में लायेगा ख़ुशी अपार
सरस्वती विराजे आपके दवार
शुभकामना हमारी करे स्वीकार

तू स्वर की दाता हैं
तू ही वर्णों की ज्ञाता
तुझमे ही नवाते शीष
हे शारदा मैया दे अपना आशीष

कमल पुष्प पर आसीत माँ
देती ज्ञान का सागर माँ
कहती कीचड़ में भी कमल बनो
अपने कर्मो से महान बनो

विद्या दायिनी, हंस वाहिनी माँ भगवती
तेरे चरणों में झुकाते शीष हे देवी
कृपा कर हे मैया दे अपना आशीष
सदा रहे अनुकम्पा तेरी रहे सदा प्रविश

वीणा लेकर हाथ में
सरस्वती हो आपके साथ में
मिले मां आर्शीवाद आपको हर दिन
मुबारक हो सरस्वती पूजा का यह दिन

बिन बुलाए भी जहां
जाने को जी चाहता है
वो चौखट ही है तेरी माँ
जहां यह बंदा सुकून पाता है

किताबों का साथ हो
पेन पर हाथ हो
कोपिया आपके पास हो
पढाई दिन रात हो
जिंदगी के हर इम्तिहान में आप पास हो

माँ जब भी तुझको पुकारा है
बिन मांगे सब पाया है
ए माँ मेरी गुनाहों को
मेरे मैं कुबूल करता हूँ
मोक्ष दे दे मेरी माँ
बस यही आशा रखता हूँ

Basant Panchami, Saraswati Puja, Basant Panchami images, wishes, quotes, and status in Hindi

मौसम सम होने लगता है। पूरी धरित्री सरसों के पीले फूलों वाली बासन्ती साड़ी धारण करने लगती है, जिसके ऊपर गेहूँ के हरे पत्तों वाला आंचल लहलहाने लगता है। आम के पेड़ मंजरियों से महकने लगते हैं, पवन उस भीनी और मधुर रसपगी सुगन्ध को चारों ओर बिखेरने लगता है। 

सारी प्रकृति एक विचित्र आभा से भरने लगती है, उसका रूप एक नई आभा से दमकने लगता है, असंख्य मधुमक्खियों के गुंजार का संगीत फैलने लगता है। वसन्त अगर यौवन है तो उस यौवन का आरम्भ वसन्त पंचमी है। इस समय प्रकृति का रूप एकाएक बदलने लगता है। 

शीत थोड़ा कम हुआ, उष्णता जहाँ थोड़ी सी बढ़ी कि प्रकृति अंगड़ाई लेकर जाग उठती है। प्रिय आगमन की खुशी में सँवरने लगती है। किंतु वसन्त पंचमी का महत्त्व, मात्र इसलिए ही नहीं है। अत्यधिक शीत के प्रभाव के कारण सारी प्रकृति सोयी रहती है। 

कहीं-कहीं झींगुर की आवाज के अलावे प्रकृति का कोई दूसरा संगीत सुनने को नहीं मिलता। किन्तु ज्योंही मौसम गर्म होने लगता है, छिपे पक्षी निकलने लगते हैं। उनके गीत गूंजने लगते हैं। वैसे भी हमारे देश में अधिक बच्चे जाड़ा में ही जन्मते हैं। 

Saraswati Puja Saraswati Puja Ke Bare men

अथवा नवजात शिशुओं को ठंढक से बचाने के लिए जाड़ा भर छुपा कर रखा जाता है। उष्णता का मौसम आते ही वे बाहर निकलते हैं। उनकी भी किलकारियाँ गूंजने लगती हैं। इसी सबको देखकर वसन्त पंचमी को वाणी की अधिष्ठात्री देवी विद्याप्रदायिनी माँ सरस्वती का पूजन किया जाता है। 

इसी को देखकर ही इस दिन के सम्बन्ध में यह धारणा बनी होगी कि वसन्त पंचमी के दिन ही वाणी, विद्या
और ज्ञान की देवी सरस्वती का आविर्भाव हुआ था। यदि सरस्वती को ज्ञान, कला और काव्य की देवी मानें तो वसन्तागमन के साथ वाणी के मुखर होने की सम्भावना अधिक हो जाती है। 

शीत में जो मुख मौन रहते हैं, जो कोयल चुप रहती है वह वसन्तागमन के साथ बोलने लगती है। इस तरह वाणी की मुखरता ही प्रकृति में वसन्तागमन की सूचना देती है। इस भाव साम्य के कारण पंचमी को वाणी की मुखरता और वसन्त के आगमन की सूचना देने वाला त्योहार मनाया जाता है।

basant-panchami-in-hindi

चूँकि खुशी दोहरी होती है अतएव उसका प्रकाशन भी उसी तीव्रता के साथ होता है। इस दिन की तैयारी समय से काफी पहले ही आरम्भ हो जाती है। युवा वर्ग इस कार्य में संलग्न हो जाता है, वयस्क और वृद्ध उनका पथ-निर्देशन करते हैं। पहले यह त्योहार कहाँ और कैसे मनाया जाता था, कहना मुश्किल है 

किन्तु जब से जानकारी है, इस त्योहार को ग्रामीण-जन अपने ढंग से मनाते हैं किन्तु ज्ञान और शिक्षा से सम्बन्धित लोग अपनी संस्थाओं में मनाते चले आ रहे हैं। कुछ वर्ष पूर्व तक यह त्योहार मात्र शिक्षण संस्थाओं, छात्रावासों और शोध-संस्थानों में मनाया जाता था किन्तु इधर इसका प्रचलन काफी हो गया है, 

Saraswati Puja, Basant Panchami, wishes, quotes, and status in Hindi

शायद मूर्तिकारों की संख्या बढ़ने से या जनसंख्या के विकास के कारणा हर गली और हर मुहल्ले में, प्रत्येक गाँव में और पत्येक शिक्षण-संरणान में यह त्योहार मनाया जाता है। अब तो एक ही शहर में यह त्योहार हजारों जगह मनाया जाने लगा है। जो स्वयं इस दिन सरस्वती की 

प्रतिमा स्थापित कर पूजन नहीं करते वे स्थान-स्थान पर घूम-घूमकर पूजा करते हैं, मूर्तियों के, ज्ञान की देवी Saraswati की मूर्तियों का दर्शन करते हैं, वसन्त के आगमन की खुशी मनाते हैं और सरस्वती के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं।

इस दिन किसी कक्ष को पूर्णतया सजाया जाता है। सरस्वती की प्रतिमा स्थापित की जाती है। सुधा सौम्य सर में कमलासन पर विराजमान देवी, जिसके हाथ में वीणा और पुस्तक रहती है और चरण तले सेवा के लिए तत्पर, उत्सुक नीर-क्षीर विवेक हँस रहता है को देखकर सब सहज

100+ The Most Popular Basant Panchami, Saraswati Puja images, wishes, quotes, and status in Hindi

basant-panchami-saraswati-puja

ही सरस्वती को पहचान लेते हैं। पीत वस्त्रों और पुष्प हारों से सुसज्जित प्रतिमा की ओर दृष्टि जाते ही मन श्रद्धा से पूरित हो जाता है। . मूर्ति स्थापना के पश्चात् विधिवत् पूजा-अर्चना होती है, आरती-कीर्तन होता है, प्रसाद का वितरण होता है, अबीर-गुलाल उड़ाकर वसन्त के शुभागमन की घोषणा होती है, 

झांकियों का घूम-घूमकर दर्शन किया जाता है। पूजा समाप्ति के पश्चात् वसन्तोत्सव का कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता है। नाटक होते हैं, संगीत गूंजता है, प्रहसन होता है - आनन्द ही आनन्द बिखेरा जाता है, बिटोरा जाता है। दूसरे दिन आरती के पश्चात् जुलूस निकालकर प्रतिमा का विसर्जन किया जाता

इस पूजन से एक ओर जहाँ वसंतागमन का आनन्द-प्रतिध्वनित होता है, वहीं दूसरी ओर विद्योपार्जन या ज्ञानोपार्जन की प्रेरणा मिलती है।

Comments

Popular posts from this blog

Sagun Kavya Dhara Kya Hai | Virtuous poetry | सगुण काव्य-धारा

Sagun Kavya Dhara Kya Hai | Virtuous poetry | सगुण काव्य-धारा.  Saguna means virtue, here virtue means form. We have already known that devotion, believing in the form, shape, incarnation of God, is called Saguna Bhakti . It is clear that in the Sagun Kavadhara, the pastimes of God in the form of God have been sung. It says - Bhakti Dravid Uppji, Laya Ramanand. Sagun Kavya Dhara Kya Hai | Virtuous poetry | सगुण काव्य-धारा Ans. सगुण का अर्थ है गुण सहित, यहाँ पर गुण का अर्थ है- रूप। यह हम जान ही चुके हैं कि ईश्वर के रूप, आकार,अवतार में विश्वास करने वाली भक्ति सगुण भक्ति कहलाती है। स्पष्ट है कि सगुण काव्यधारा में ईश्वर के साकार स्वरूप की लीलाओं का गायन हुआ है। कहते हैं - भक्ति द्राविड़ ऊपजी, लाये रामानंद।'  अर्थात् सगुण भक्तिधारा या वैष्णव (विष्णु के अवतारों के प्रति) भक्ति दक्षिण भारत में प्रवाहित हुई। उत्तर भारत में इसे रामानंद लेकर आए। राम को विष्णु का अवतार मानकर उनकी उपासना का प्रारंभ किया। इसी प्रकार वल्लभाचार्य ने कृष्ण को विष्णु का अवतार मानकर उनकी उपासना का प्रारंभ किया। इ

विद्यापति का संक्षिप्त जीवन-वृत्त प्रस्तुत करते हुए उनके काव्यगत वैशिष्ट्य पर प्रकाश डालें। अथवा, विद्यापति का कवि-परिचय प्रस्तुत करें।

विद्यापति का संक्षिप्त जीवन-वृत्त प्रस्तुत करते हुए उनके काव्यगत वैशिष्ट्य पर प्रकाश डालें। अथवा, विद्यापति का कवि-परिचय प्रस्तुत करें। उपर्युक्त पद में कवि विद्यापति द्वारा वसंत को एक राजा के रूप में उसकी पूरी साज-सज्जा के साथ प्रस्तुत किया गया है अर्थात् वासंतिक परिवंश पूरी तरह से चित्रित हुआ है। अपने आराध्य माधव की तुलना करने के लिए कवि उपमानस्वरूप दुर्लभ श्रीखंड यानी चंदन, चन्द्रमा, माणिक और स्वर्णकदली को समानता में उपस्थित करता है किन्तु सारे ही उपमान उसे दोषयुक्त प्रतीत होते हैं, यथा-'चंदन' सुगंधि से युक्त होकर भी काष्ठ है 'चन्द्रमा' जगत को प्रकाशित करता हुआ भी एक पक्ष तक सीमित रहता है, माणिक' कीमती पत्थर होकर भी अन्ततः पत्थर है तथा स्वर्ण-कदली लज्जावश हीनभाव के वशीभूत होकर यथास्थान गड़ी रहती है ऐसे में कवि को दोषयुक्त उपमानों से अपने आराध्य की तुलना करना कहीं से भी उचित नहीं लगता है अत: माधव जैसे सज्जन से ही नेह जोड़ना कवि को उचित जान पड़ता है। इस दृष्टि से अग्रांकित पंक्तियाँ देखी जा सकती हैं विद्यापति का संक्षिप्त जीवन-वृत्त प्रस्तुत करते हुए उनके

सूरदास की भक्ति-भावना के स्वरूप की विवेचना कीजिए। अथवा, सूरदास की भक्ति-भावना की विशेषताओं पर प्रकाश डालिये।

सूरदास की भक्ति-भावना के स्वरूप की विवेचना कीजिए। अथवा, सूरदास की भक्ति-भावना की विशेषताओं पर प्रकाश डालिये।  उत्तर-'भक्ति शब्द की निर्मिति में 'भज् सेवायाम' धातु में 'क्तिन' प्रत्यय का योग मान्य है जिससे भगवान का सेवा-प्रकार का अर्थ-ग्रहण किया जाता है जिसके लिए आचार्य रामचंद्र शुक्ल श्रद्धा और प्रेम का योग अनिवार्य मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि भक्ति को प्राप्त होकर समस्त लौकिक बन्धनों एवं भौतिक जीवन से ऊपर उठ जाता है जहाँ उसे अलौकिक आनन्द की अनुभूति होती है। भक्ति के लक्षण की ओर संकेत करते हुए भागवतंकार कहते हैं "स वै पुंसां परोधर्मो यतोभक्ति रमोक्षजे। अहेतुक्य प्रतिहताययाऽऽत्मा संप्तसीदति।।" उपर्युक्त श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण के प्रति व्यक्ति में उस भक्ति के उत्पन्न होने की अपेक्षा की गई है जिसकी निरन्तरता व्यक्ति को कामनाओं से ऊपर पहुँचाकर कृतकृत्य करती है। _ हिन्दी साहित्येतिहास में भक्तिकालीन कवि सूरदास कृष्णभक्त कवियों में सर्वाधिक लोकप्रिय और सर्वोच्च पद पर आसनस्थ अपनी युग-निरपेक्ष चिरन्तन काव्य-सर्जना की दृष्टि से अद्वितीय कवि हैं जिनके द्वारा प