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Biti tahi bisar de aage ki sudhi ley. बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि लेय।

Biti tahi bisar de aage ki sudhi ley. बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि लेय। मनुष्य कभी-कभी अपने बीते हुए जीवन के विषय में सोचता रहता है। यदि कोई कार्य बिगड़ जाता है, अथवा कोई हानि हो जाती है तो वह निराश हो जाता है तथा आगे कार्य नहीं करता है। 

Biti tahi bisar de aage ki sudhi ley. बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि लेय।

परन्तु, उसे बीती बातों को भुला देना चाहिए और आगे के जीवन के विषय में विचार करना चाहिए। क्योंकि यदि वह पिछली बातों को ही सोचता रहेगा तो वह कभी भी उन्नति नहीं कर सकता है।

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