Skip to main content

Ba part 3 Hindi honors question-answer

Ba part 3 Hindi honors question-answer. Q.20 Who considered civil, Rupnagar, and brach as distinctions of apostrophes? Ans. Markandeya Q.21. How many distinctions of Apabhramsa has Dr. Namwar Singh considered? Ans. Two distinctions - Western and Eastern Q.22. Dr. Bholanath Tiwari has considered how many distinctions of Apabhramsa? Ans. Seven

Ba part 3 Hindi honors question-answer

Ba part 3 Hindi honors question-answer

  • Q.1. हिन्दी साहित्य का सर्वप्रथम इतिहास ग्रन्थ? 
  • Ans. इस्तवार द ला लितरेत्यूर एन्दुई ऐ ऐन्दुस्तानी (गार्सा द तासी) 
  • Q.2. हिन्दी साहित्य का प्रथम काल? 
  • Ans. आदिकाल (वीरगाथाकाल) 
  • Q.3. हिन्दी का प्रथम मौलिक नाटककार
  • Ans. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र 
  • Q.4. हिन्दी का प्रथम सिद्ध कवि?
  • Ans.. सरहपा 
  • Q.5. हिन्दी का प्रथम सूफी कवि? 
  • Ans. मुल्ला दाऊद 
  • Q.6. अष्टछाप का प्रथम भक्त कवि? 
  • Ans. सूरदास 
  • Q.7. प्रथम सूफी रचना? 
  • Ans. चन्दायन (मुल्ला दाऊद) 
  • Q.8. 'सरस्वती' का प्रथम सम्पादक? 
  • Ans. डॉ. श्यामसुन्दर दास 
  • Q.9. प्रथम छायावादी ग्रन्थ? 
  • Ans. आँसू (जयशंकर प्रसाद) 
  • Q.10 प्रथम वीरगाथाकालीन कवि? 
  • Ans. ब्रह्म भट्ट 
  • Q.11. प्रथम अनूदित नाटक? 
  • Ans. शकुन्तला (राजा लक्ष्मण सिंह) 
  • Q.12. हिंदी का प्रथम आलोचना ग्रंथ? 
  • Ans. नाटक (भारतेन्दु हरिश्चन्द्र) 
  • Q.13. प्रथम मौलिक निबंध? 
  • Ans. राजा भोज का सपना (राजा शिवप्रसाद सितारेहिंद) 
  • Q.14. हिन्दी का पहला उपन्यास? 
  • Ans. भाग्यवती (श्रद्धाराम कुल्लौरी) 
  • Q.15. हिन्दी की पहली मौलिक कहानी? 
  • Ans. इन्दुमती (किशोरी लाल गोस्वामी) 
  • Q.16. अपभ्रंश से क्या आशय है? 
  • Ans. विकास को प्राप्त करना। 
  • Q.17. डॉ० सुनीती कुमार चटर्जी ने 'अपभ्रंश' को क्या कहा? 
  • Ans. अपभ्रंश 
  • Q.18. अपभ्रंश में साहित्य रचना का कब पता चलता है? 
  • Ans. विक्रम की सातवीं शताब्दी में 
  • Q.19. नमि साधु ने अपभ्रंश के कितने भेद माने? 
  • Ans. तीन-उपनागर, आमीर और ग्राम्य

Ba part 3 Hindi honors question answer

  • Q.20 नागर, उपनागर और ब्राचड़ को अपभ्रंश के भेद किसने माने? 
  • Ans. मार्कण्डेय ने 
  • Q.21. डॉ० नामवर सिंह ने अपभ्रंश के कितने भेद माने हैं? 
  • Ans. दो भेद- पश्चिमी और पूर्वी 
  • Q.22. डॉ० भोलानाथ तिवारी ने अपभ्रंश के कितने भेद माने हैं? 
  • Ans. सात 
  • Q.23. प्राकृत के अंतिम रूप को किसकी संज्ञा दी गई है? 
  • Ans. अपभ्रंश 
  • Q.24. 'अवहट्ट किसे कहते हैं? 
  • Ans. अपभ्रंश (परवर्ती) को ही अवहट्ट माना गया है। 
  • Q.25. अवहट्ट को 'देसिल वयना' किसने कहा? 
  • Ans. विद्यापति ने 
  • Q.26. 'कीर्तिलता' की भाषा? 
  • Ans. अवहट्ट (देसिल वयना) 
  • Q.27. हिन्दी उद्भव का सही अनुक्रम? 
  • Ans. पालि, प्राकृत, अपभ्रंश, हिन्दी 
  • Q.28. अपभ्रंश का मुख्य छंद? 
  • Ans. 'दोहा' या दूहा है। 
  • Q.29. 'अपभ्रंश' का सर्वप्रथम उल्लेख किसने किया? 
  • Ans. पंतजलि ने 
  • Q.30. “सरहपा' का संबंध किससे है? 
  • Ans. सिद्ध साहित्य से 
  • Q.31. 'स्वयंभू' को 'अपभ्रंश का वाल्मकि' किसने कहा? 
  • Ans. राहुल सांकृत्यायन ने 
  • Q.32. अपभ्रंश के प्रथम महाकवि? 
  • Ans. स्वयंभू 
  • Q.33. अधिकांश साहित्येतिहासकारों के अनुसार हिन्दी का प्रथम कवि? 
  • Ans. सरहपा को 
  • Q.34. आ० रामचन्द्र शुक्ल ने आदिकाल को क्या कहा? 
  • Ans. वीरगाथा काल । 
  • Q.35. 'आदिकाल' को आदिकाल किसने कहना चाहा? 
  • Ans. आ० हजारी प्रसाद द्विवेदी 
  • Q.36. आदिकाल को 'चारणकाल किसने कहा? 
  • Ans. ग्रियर्सन ने 
  • Q.37. मिश्रबंधुओं ने आदिकाल को क्या कहा? 
  • Ans. 'प्रारंभिक काल' 
  • Q.38. आदिकाल को 'सिद्ध सामंतकाल' किसने कहा? 
  • Ans. राहुल सांकृत्यायन ने 
  • Q.39. 'रीतिकाल' किसका दिया नाम है? 
  • Ans. आ० रामचन्द्र शुक्ल का 
  • Q.40. रीतिकाल को मिश्रबंधुओं ने क्या कहा? 
  • Ans. अलंकृत काल

Ba part 3 Hindi honors question

  • Q.41. विश्वनाथ प्र० मिश्र ने रीतिकाल को क्या कहा? 
  • Ans. श्रृंगारकाल 
  • Q.42. रीतिकाल को 'कलाकाल' किसने कहा? 
  • Ans. डॉ० रमाशंकर शुक्ल 'रसाल' ने 
  • Q.43. 'हिंदी नवरल' के लेखक? 
  • Ans. मिश्रबंधु 
  • Q.44. 'इतिहास-दर्शन' के लेखक? 
  • Ans. नलिन विलोचन शर्मा 
  • Q.45. "हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास' किसकी कृति? 
  • Ans. डॉ. रामकुमार वर्मा 
  • Q.46. 'हिंदी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास' के लेखक? 
  • Ans. डॉ० गणपतिचन्द्र गुप्त 
  • Q.47. "हिंदी साहित्य का आधुनिक इतिहास' किसकी कृति? 
  • Ans. अज्ञेय की 
  • Q.48. 'हिंदी साहित्य का दूसरा इतिहास' के लेखक 
  • Ans. डॉ. बच्चन सिंह 
  • Q.49. "हिंदी साहित्य : उद्भव और विकास' किसकी कृति? 
  • Ans. डॉ0 हजारी प्र. द्विवेदी की 
  • Q.50. "हिंदी साहित्य का आधा इतिहास' किसकी कृति? 
  • Ans. सुमन राजे की। 
  • Q.51. 'आल्हखंड' किसकी रचना? 
  • Ans. जनकवि जगनिक। 
  • Q.52. 'बीसलदेव रासो' के रचनाकार? 
  • Ans. नरपति नाल्ह। 
  • Q.53. ग्रियर्सन के किसी एक रचना का नाम? 
  • Ans. 'द मॉडर्न वर्नेक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान'। 
  • Q.54. 'सत्यवादी' शब्द किसके नाम से जुड़ा है? 
  • Ans. राजा हरिश्चन्द्र। 
  • Q.55. नवरत्न कवियों में से किसी एक का नाम? 
  • Ans. कवि देवा 
  • Q.56. बिहारीलाल किसके दरबार में थे? 
  • Ans. नरेश जसयिंह के। 
  • Q.57. चंदवरदाई ने किस राजा की प्रशंसा की है? 
  • Ans. पृथ्वीराज। 
  • Q.58. अपभ्रंश के किसी एक रचना का नाम? 
  • Ans. कीर्तिलता। 
  • Q.59. "बिहारी-सतसई' में कितने दोहे? 
  • Ans. सात सौ तेरह।
  • Q.60. 'भारतमाता ग्रामवासिनी' के कवि कौन? 
  • Ans. सुमित्रनंदन पंत। 
  • Q.61. राजा जयसिंह के दरबार का कवि? 
  • Ans. बिहारीलाल। 
  • Q.62. 'सुजान' शब्द किस कवि के साथ जुड़ा है? 
  • Ans. घनानंद।

Ba part 3 Hindi honors question-answer

  • Q.63. रीतिसिद्ध कवि का नाम? 
  • Ans. बिहारीलाल। 
  • Q.64. 'भक्तमाल' के रचयिता? 
  • Ans. नाभादास। 
  • Q.65. 'मैथिल कोकिल' कौन कवि? 
  • Ans, विद्यापति। 
  • Q.66. 'अष्टछाप का जहाज' कौन कवि? 
  • Ans. सूरदास। 
  • Q.67. वीर-रस का कवि? 
  • Ans. भूषण। 
  • Q.68. 'उपन्यास-सम्राट' कौन? 
  • Ans. प्रेमचन्द। 
  • Q.69. 'कवि-कुल-गुरू' कौन? 
  • Ans. कालिदास 
  • Q.70.. 'निसि दिन बरसत नैन हमारे' के कवि? 
  • Ans. सूरदास। 
  • Q.71. हिन्दी भाषा की लिपि? 
  • Ans. देवनागरी। 
  • Q.72. प्रेममार्गी शाखा के प्रतिनिधि कवि? 
  • Ans. जायसी। 
  • Q.73. 'रामचरितमानस' की भाषा? 
  • Ans. अवधी। 
  • Q.74. 'सतसई' के रचनाकार? 
  • Ans. बिहारीलाल। 
  • Q.75. भूषण किस रस के कवि? 
  • Ans. वीर-रस के। 
  • Q.76. आधुनिक युग की मीरा किस कवयित्री को कहा जाता है? 
  • Ans. महादेवी वर्मा को। 
  • Q.77. 'कठिन काव्य का प्रेत' किस कवि को कहा जाता है? 
  • Ans. केशवदास को। 
  • Q.78. 'प्रियप्रवास' की नायिका? 
  • Ans. राधा। 
  • Q.79. 'चन्द्रगुप्त' नाटक का लेखक? 
  • Q.80 तुलसी की भक्ति किस प्रकार की है? 
  • Ans. दास्य भाव की (सेन्य-सेवक भाव की) 
  • Q.81. 'कुकुरमुत्ता' किसकी रचना? 
  • Ans. निराला की। 
  • Q.82. 'पल्लव' के रचनाकर? 
  • Ans. कवि पंत। 
  • Q.83. 'बलचनमा' के लेखक? 
  • Ans. नागार्जुन। 
  • Q.84. हिंदी के प्रथम कवि? 
  • Ans. सरहपा।

Ba part 3 Hindi honors question

  • Q.85. ज्ञानाश्रयी शाखा (संत-काव्यधारा निगुर्ण काव्यधारा) के प्रतिनिधि कवि'? 
  • Ans. कबीरदास। 
  • Q.86. रामभक्तिशाखा (सगुण रामकाव्यधारा) के प्रतिनिधि कवि? 
  • Ans. तुलसीदास 
  • Q.87. बिहारी की रचना का नाम? 
  • Ans. बिहारी-'सतसई'। 
  • Q.88. “पुथ्वीराज रासो' के रचनाकार? 
  • Ans. चंदवरदाई। 
  • Q.89. 'सूरसागर' के रचनाकार? 
  • Ans. सूरदास। 
  • Q.90. भूषण किस काल के कवि? 
  • Ans. रीतिकाल। 
  • Q.91. महादेवी की काव्य-रचना? 
  • Ans. दीपशिखा। 
  • Q.92. 'रामचन्द्रिका' के रचनाकार? 
  • Ans. केशवदास। 
  • Q.93. 'पद्मावत' के रचनाकार? 
  • Ans. जायसी। 
  • Q.94. 'प्रियप्रवास' के रचनाकार? 
  • Ans. अयोध्यासिंह उपाध्याय -हरिऔध' 
  • Q.95. "प्रियप्रवास' का नायक? 
  • Ans. कृष्ण। Q.96. -स्कन्दगुप्त' का नाटककार? 
  • Ans. जयशंकर प्रसाद। 
  • Q.97. 'निर्मला' के रचनाकार? 
  • Ans. प्रेमचंद। 
  • Q.98. 'गोदान' के उपन्यासकार? 
  • Ans. प्रेमचंद। 
  • Q.99. पंत के किसी रचना का नाम? 
  • Ans. 'वीणा'। 
  • Q.100. 'युगान्त' किसकी रचना? 
  • Ans. कवि पंत की। 
  • Q.101. आचंलिक उपन्यास के प्रथम प्रयोक्ता? 
  • Ans. फणीश्वरनाथ रेणु। 
  • Q.102. आंचलिक उपन्यास का नाम? 
  • Ans. 'मैला आंचल' 
  • Q.103. 'मैला आंचल' किसकी रचना 
  • Ans. रेणु की। 
  • Q.104. आंचलिक कहानी तथा आंचलिक कहानीकार का नाम? 
  • Ans. 'आदिम रात्रि की महक' (रेणु)। 
  • Q.105. 'देहाती दुनिया' उपन्यास का लेखक? 
  • Ans. आ० शिवपूजन सहाय।

Comments

Popular posts from this blog

Sagun Kavya Dhara Kya Hai | Virtuous poetry | सगुण काव्य-धारा

Sagun Kavya Dhara Kya Hai | Virtuous poetry | सगुण काव्य-धारा.  Saguna means virtue, here virtue means form. We have already known that devotion, believing in the form, shape, incarnation of God, is called Saguna Bhakti . It is clear that in the Sagun Kavadhara, the pastimes of God in the form of God have been sung. It says - Bhakti Dravid Uppji, Laya Ramanand. Sagun Kavya Dhara Kya Hai | Virtuous poetry | सगुण काव्य-धारा Ans. सगुण का अर्थ है गुण सहित, यहाँ पर गुण का अर्थ है- रूप। यह हम जान ही चुके हैं कि ईश्वर के रूप, आकार,अवतार में विश्वास करने वाली भक्ति सगुण भक्ति कहलाती है। स्पष्ट है कि सगुण काव्यधारा में ईश्वर के साकार स्वरूप की लीलाओं का गायन हुआ है। कहते हैं - भक्ति द्राविड़ ऊपजी, लाये रामानंद।'  अर्थात् सगुण भक्तिधारा या वैष्णव (विष्णु के अवतारों के प्रति) भक्ति दक्षिण भारत में प्रवाहित हुई। उत्तर भारत में इसे रामानंद लेकर आए। राम को विष्णु का अवतार मानकर उनकी उपासना का प्रारंभ किया। इसी प्रकार वल्लभाचार्य ने कृष्ण को विष्णु का अवतार मानकर उनकी उपासना का प्रारंभ किया। इ

विद्यापति का संक्षिप्त जीवन-वृत्त प्रस्तुत करते हुए उनके काव्यगत वैशिष्ट्य पर प्रकाश डालें। अथवा, विद्यापति का कवि-परिचय प्रस्तुत करें।

विद्यापति का संक्षिप्त जीवन-वृत्त प्रस्तुत करते हुए उनके काव्यगत वैशिष्ट्य पर प्रकाश डालें। अथवा, विद्यापति का कवि-परिचय प्रस्तुत करें। उपर्युक्त पद में कवि विद्यापति द्वारा वसंत को एक राजा के रूप में उसकी पूरी साज-सज्जा के साथ प्रस्तुत किया गया है अर्थात् वासंतिक परिवंश पूरी तरह से चित्रित हुआ है। अपने आराध्य माधव की तुलना करने के लिए कवि उपमानस्वरूप दुर्लभ श्रीखंड यानी चंदन, चन्द्रमा, माणिक और स्वर्णकदली को समानता में उपस्थित करता है किन्तु सारे ही उपमान उसे दोषयुक्त प्रतीत होते हैं, यथा-'चंदन' सुगंधि से युक्त होकर भी काष्ठ है 'चन्द्रमा' जगत को प्रकाशित करता हुआ भी एक पक्ष तक सीमित रहता है, माणिक' कीमती पत्थर होकर भी अन्ततः पत्थर है तथा स्वर्ण-कदली लज्जावश हीनभाव के वशीभूत होकर यथास्थान गड़ी रहती है ऐसे में कवि को दोषयुक्त उपमानों से अपने आराध्य की तुलना करना कहीं से भी उचित नहीं लगता है अत: माधव जैसे सज्जन से ही नेह जोड़ना कवि को उचित जान पड़ता है। इस दृष्टि से अग्रांकित पंक्तियाँ देखी जा सकती हैं विद्यापति का संक्षिप्त जीवन-वृत्त प्रस्तुत करते हुए उनके

सूरदास की भक्ति-भावना के स्वरूप की विवेचना कीजिए। अथवा, सूरदास की भक्ति-भावना की विशेषताओं पर प्रकाश डालिये।

सूरदास की भक्ति-भावना के स्वरूप की विवेचना कीजिए। अथवा, सूरदास की भक्ति-भावना की विशेषताओं पर प्रकाश डालिये।  उत्तर-'भक्ति शब्द की निर्मिति में 'भज् सेवायाम' धातु में 'क्तिन' प्रत्यय का योग मान्य है जिससे भगवान का सेवा-प्रकार का अर्थ-ग्रहण किया जाता है जिसके लिए आचार्य रामचंद्र शुक्ल श्रद्धा और प्रेम का योग अनिवार्य मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि भक्ति को प्राप्त होकर समस्त लौकिक बन्धनों एवं भौतिक जीवन से ऊपर उठ जाता है जहाँ उसे अलौकिक आनन्द की अनुभूति होती है। भक्ति के लक्षण की ओर संकेत करते हुए भागवतंकार कहते हैं "स वै पुंसां परोधर्मो यतोभक्ति रमोक्षजे। अहेतुक्य प्रतिहताययाऽऽत्मा संप्तसीदति।।" उपर्युक्त श्लोक में भगवान श्रीकृष्ण के प्रति व्यक्ति में उस भक्ति के उत्पन्न होने की अपेक्षा की गई है जिसकी निरन्तरता व्यक्ति को कामनाओं से ऊपर पहुँचाकर कृतकृत्य करती है। _ हिन्दी साहित्येतिहास में भक्तिकालीन कवि सूरदास कृष्णभक्त कवियों में सर्वाधिक लोकप्रिय और सर्वोच्च पद पर आसनस्थ अपनी युग-निरपेक्ष चिरन्तन काव्य-सर्जना की दृष्टि से अद्वितीय कवि हैं जिनके द्वारा प